Description
“काशी उस सभ्यता की सदा से परिपोषक रही है, जिसे हम भारतीय सभ्यता कहते हैं और जिसके बनाने में अनेक मत-मतान्तरों और विचार-धाराओं का सहयोग रहा है। यही नहीं, धर्म, शिक्षा और व्यापार से वाराणसी का घना सम्बन्ध होने के कारण इस नगरी का इतिहास केवल राजनीतिक इतिहास न होकर एक ऐसी संस्कृति का इतिहास है जिसमें भारतीयता का पूरा दर्शन होता है। लेखक ने इतिहास और संस्कृति सम्बन्धी बिखरी हुई सामग्री को जोड़कर इस इतिहास का निखरा स्वरूप खड़ा किया है। रोचक सामग्री का भी प्रचुर उपयोग करके नगर के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर भी प्रकाश डाला गया है। लेखक की दृष्टि में इतिहास केवल शुष्क घटनाओं का निर्जीव ढाँचा नहीं है, उसमें हम समाज की प्रक्रियाओं तथा धार्मिक अभिव्यक्तियों का भी पूर्णरूप से दर्शन कर सकते हैं। अपने विषय की एकमात्र कृति तो यह है ही।”
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