में नास्तिक क्यों हूँ-भगत सिंह यह लेख भगत सिंह ने जेल में रहते हुए लिखा था, और यह 27 सितम्बर 1931 को लाहौर के अख़बार द पीपल में प्रकाशित हुआ। (Me Nastik Kyon Hun-Bhagat Singh

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Description

यह लेख भगत सिंह ने जेल में लिखा था और यह 27 सितम्बर 1931 को लाहौर के अखबार “द पीपल ” मद प्रकाशित हुआ था. इस लेख में भगत सिंह ने ईश्वर की उपस्थिति और अनेक तर्कपूर्ण सवाल खड़े किये हैं ,और इस संसार के निर्माण , मनुस्य के जनम ,मनुस्य के मन में ईश्वर की कल्पना के साथ -साथ की दीनता, उसके शोषण , दुनियां में व्यापत अराजकता और वर्गभेद की स्थितियों का भी विश्लेषण किया हटा. यह भगत सिंह के लेखन के सबसे चर्चित हिसों में रहा है।

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