History-पृथ्वीराज रासो ४ भागों में-चंदबरदाई कृत रासो साहित्य मेंमहाकवि चन्दर बरदायकृत पृथ्वीराज रासो सरव्श्रेस्थ काव्य रचना है1 उसके लिए यह कहना उचित होगा की उसका स्वरूप समय समय पर परिवर्धित है इस पुस्तक पढ़ने में चौहान जाती को अपने पूर्वजों के कृत्यों पर गौरव अनुभव होगा वहीँ दूसरे लोगों चौहान जाती के बारे में जानने का मौका मिलेगा 1 (Prithviraj Rasho) complete 4 parts Hindi ed.) Rajaathan granthagar.

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पृथ्वीराज रासो ४ भागों में

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