Ye Meri Gazlen Ye Meri Nazme | ये मेरी ग़ज़लें ये मेरी नज़्में by Faraz, Ahmad | अहमद फ़राज़ (Rajpal)

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Description

  • अहमद फ़राज़ आज के सबसे लोकप्रिय शायर हैं। उन्हें जीते-जी ऐसी शोहरत मिली है कि आज हिन्दुस्तान और पाकिस्तान में फ़राज़ साहब की ग़ज़लों और नज़्मों को बड़े शौक से पढ़ा और सुना जाता है। ‘ये मेरी ग़ज़लें, ये मेरी नज़्में’ की विशेषता यह है कि इसमें खुद फ़राज़ साहब ने अपनी मनपसन्द बेहतरीन ग़ज़लों और नज़्मों का चयन किया है। अहमद फ़राज़ की शोहरत ने अब अपने गिर्द एक ऐसा प्रभामंडल पैदा कर लिया है जिसमें उनके इंक़लाबी रूमानी शायर की छवि चस्पां है। अपने मुल्क में उन्होंने जेलें भी काटी हैं। उनकी शायरी उस तमाम पीड़ा का प्रतीक है जिससे एक सोचने वाले शायर को गुज़रना पड़ता है। उनकी कही हुई बात जो सुनता है, उसे उसी की दास्तां मालूम होती है। मजरूह सुल्तानपुरी के शब्दों में-‘फ़राज़ अपने वतन के मज़लूमों के शायर हैं। उन्हीं की तरह तड़पते हैं मगर रोते नहीं, बल्कि उन ज़ंजीरों को तोड़ते नज़र आते हैं जो उनके समाज को जकड़े हुए हैं।’

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Weight 300 kg

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